साल १९८० के समय इस महिला ने लन्दन के इस्लेवर्थ में स्थित वेस्ट मिडलसेक्स हॉस्पिटल में कार बूट सेल से मात्र २०० रुपये में एक अंगूठी खरीदी थी| अंगूठी में एक हीरा ज्यादा हुआ था| उस हीरे की बनावट और कटाई देखकर इसको जांच करने के बारे में कोई सोचेगा भी नहीं| बहुत ही पुराने तरीके से तराशे गये इस हीरे पर पड़ने वाली रोशनी से भी यह कभी चमकता नहीं था|
जिस महिला ने इस अंगूठी को ख़रीदा था उस महिला को यह अंगूठी एक बनावटी अंगूठी लगने के बावजूद काफी पसंद भी थी| लगभग हर दिन पहनते हुए लगभग ३७ साल गुजर गये|
एक दिन अचानक उसे ऐसा लगा की इस पर लगा हीरा जांच करवाना चाहिये तो उसने एक जौहरी से इसकी जांच कराई| जांच करने पर इस हीरे के असली होने की बात सामने आयी| जौहरी ने बताया की इस २६ कैरेट हीरे की कीमत लगभग २.९ करोड़ रुपये तक होनी चाहिये|
इस महिला ने ‘सॉथबी’ नामक संस्था से सम्पर्क किया जो आभूषणों की नीलामी करते है और अपना नाम नहीं बताने की गुजारिश की| लन्दन में हुई इस नीलामी में इस हीरे की बिक्री ५.४६ करोड़ रुपये तक गयी और यह हीरा बिक गया| इसको कहते है किस्मत …… है न दोस्तों?