आपने कश्मीर की डल झील के बारे में तो सुना ही होगा, जहाँ पानी में बोट तैरते हुए घर होते है| मगर, चीन के इस शहर जिसे निंगडे सिटी कहते है| इसकी एक बस्ती हमेशा पानी में तैरती रहती है और कुछ सालों से नहीं बल्कि करीब १३०० सालों से पानी में तैर रही है|
कई सौ सालों पहले टांका जाति के लोगों ने मौजूदा शासकों के अत्याचारों से दुखी होकर समुद्र के किनारे रहने लगे थे| अपने परिवार को इनके अत्याचार से बचने के लिए मछुवारों ने धीरे-धीरे अपनी नावों के साथ समुन्द्र पर ही अपना घर बनाना शुरू कर दिया था|
जब कोई खतरें का आभास होता तो अपनी नावों को समुन्द्र में कई दूर तक ले जाते थे| चीन के दक्षिण-पूर्व इलाके के यह मछुवारे आज भी अपनी परंपरागत नावों के मकान में रहते है| हमेशा समुद्र में तैरते इन घरों में रहने वाली इस टांका जाति के लोगों को ‘जिप्सीज ऑफ़ द सी’ भी कहा जाता है|
७०० ईस्वी में चीन में तांग राजवंश के शासनकाल से बसे इन गाँवों के लोगों का जीवन पानी के घरों और मछलियों के शिकार में ही बीत जाता है| ये लोग जमीन पर कदम नहीं रखते है| इसके अलावा ये जमीन पर रहने वाले लोगों से नफरत करते है और उन्हें अपने पास नहीं आने देते है|
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