
साल १९६९ के समय राजेश खन्ना एक सुपरस्टार हुआ करते थे। उनके स्टारडम और लोगों में उनके क्रेज़ के बारे में आपने कई किस्से सुने भी होंगे। मगर एक समय ऐसा आया की उनका स्टारडम ढलने वाली शाम की तरह हो रहा था और ऐसे में उनके करियर के डूबती नैया को और डुबाने में कहानीकार सलीम खान का भी बहुत बड़ा हाथ रहा।




काफी हिचकिचाहट के बाद यश चोपड़ा ने सलीम साहब की बात मान ली और उनके कहने पर ही ‘बॉम्बे टू गोवा’ और ‘जंजीर’ जैसी हिट फ़िल्में देने वाले अमिताभ बच्चन को अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया। साल १९७५ में रिलीज़ हुई फिल्म ‘दीवार’ में अमिताभ बच्चन ने अपना बेस्ट परफॉरमेंस दिया और ये फिल्म जिसमें शशि कपूर भी थे, एक जबरदस्त हिट साबित हुई। इसके बाद यश चोपड़ा ने अमिताभ बच्चन के साथ ‘कभी कभी’, ‘त्रिशूल’, ‘सिलसिला’ और ‘काला पत्थर’ जैसी कामयाब फ़िल्में की। अगर सलीम खान, अमिताभ बच्चन की सिफारिश यश चोपड़ा से नहीं करते तो हो सकता था कि राजेश खन्ना बॉलीवुड पर कुछ और सालों तक अपना स्टारडम बनाये रखते और इंडस्ट्री पर राज करते। मगर किस्मत में अमिताभ बच्चन का सितारा बुलंद होना लिखा था। अमिताभ सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और राजेश खन्ना का करियर ढलान पर आ गया।
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