जब रीगल सिनेमा से भाग खड़े हुए थे राजेश खन्ना
दिल्ली के रीगल सिनेमा का पर्दा भले ही हमेशा के लिए गिर गया है। ये वो हॉल था, जिसने अपने साथ कई दिलचस्प यादें समेटे हुई थी। कई लोग यहां ये भी दावा करते है कि वो हिंदी सिनेमा के शोमैन राज कपूर से कई दफा मिल चुके है और ये सच भी हो सकता है क्यूंकि राज कपूर साहब की करीब-करीब हर एक फिल्म का प्रीमियर इसी सिनेमा घर में होता था।

महज कपूर खानदान ही नहीं बल्कि ये जगह कई बड़े सितारों की भी पसंदीदा जगह होती थी। धर्मेंद्र और मीना कुमारी की फिल्म ‘फूल और पत्थर’ ने इसी सिनेमा घर में सिल्वर जुबली मनाई थी।

ये बात १९६९ की है जब राजेश खन्ना की ‘आराधना’ फिल्म रिलीज़ हो चुकी थी। दिल्ली में राजेश खन्ना ने इस फिल्म के लिए एक शो रखा था, ताकि उनके कुछ दोस्तों को ये फिल्म दिखाई जा सके। मगर राजेश खन्ना ने अपनी ‘आराधना’ फिल्म के लिए रीगल सिनेमा हॉल की बजाय रिवोली सिनेमा हॉल में ये शो रखा था।
जब राजेश खन्ना इस शो के लिए दिल्ली आये तो वो रीगल सिनेमा हॉल पर जाने वाले रास्ते से गुजर रहे थे। रीगल सिनेमा हाल आते ही राजेश खन्ना के ड्राइवर ने गाड़ी थोड़ी सी धीमी कर दी। रीगल सिनेमा के बाहर जमा भीड़ को देखते ही राजेश खन्ना के ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी और राजेश खन्ना को उतरने के लिए कह दिया।

जैसे ही राजेश खन्ना अपनी कार से बाहर आये तो उन्हें गलत जगह आने का आभास हो गया। लोगों को ये पता चला कि उनका चाहता सितारा यहां आ चूका है, तो सारी भीड़ उनकी तरफ अचानक बढ़ने लगी। लोग अपने चाहते सितारें को देखने के लिए टूट पड़े। भीड़ को अपनी तरफ आता देख राजेश खन्ना तुरंत अपनी कार में बैठे और सीधे रिवोली सिनेमा हॉल जाकर ही रुके।

राजेश खन्ना सही मायनो में भारतीय फिल्म उद्योग के पहले सुपरस्टार थे। उनके बालों का स्टाइल हो या कोलर वाली शर्ट पहनने का तरीका हो या पलकों को हल्के से झुकाकर टेढ़ी निगाहों से तीर छोड़ने की अदा। इन्होंने सिनेमा प्रेमियों की पूरी एक पीढ़ी को संबोधित किया है।

राजेश खन्ना पर आधारित किताब ‘द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ इंडिआस फर्स्ट सुपर स्टार’ लिखने वाले यासिर उस्मान बताते है – “बंगाल की एक बुजुर्ग महिला थी। उनसे मैंने पुछा कि राजेश खन्ना क्या थे आपके लिए? उन्होंने कहा कि आप नहीं समझेंगे। जब हम उनकी फ़िल्में देखने जाते थे तो हमारी और उनकी बाकायदा डेट हुआ करती थी। हम मेकअप करके, ब्यूटी पार्लर जाकर, अच्छे कपड़े पहनकर जाते थे और हमें लगता था कि वो जो परदे की तरफ से पलकें झपका रहे है या सिर झटक रहे है या मुस्करा रहे है, वो सिर्फ हमारे लिए कर रहे है। उन्होंने कहा कि हॉल में बैठी हर एक लड़की को ऐसा महसूस होता था।”

सिर्फ इतना ही नहीं इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि राजेश खन्ना की सफ़ेद रंग की गाड़ी लड़कियों की लिपस्टिक के रंग से गुलाबी हो जाया करती थी और उनकी गाड़ी की धुल से लड़कियां अपनी मांग भरा करती थी। ऐसा स्टारडम शायद ही कभी अमिताभ बच्चन या शाहरुख खान के लिए देखने मिला होगा जैसा राजेश खन्ना ने अपने लिए देखा था।

दोस्तों, क्या आप भी राजेश खन्ना को अब तक का सबसे बड़ा सुपरस्टार मानते है? कृपया अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर दीजियेगा और जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा।
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