क्यों कश्मीर का अपना घर छोड़ना पड़ा था अभिनेता कुणाल खेमू को
आज हम जिस बॉलीवुड अभिनेता की बात करने जा रहे है, इन्हें हमने परदे पर ही छोटे से बड़ा होता हुआ देखा है। मशहूर फिल्म सीरीज ‘गोलमाल’ का ये अहम् हिस्सा है और अब पटौदी खानदान के दामाद बन चुके है। जी हां, हम बात कर रहे है बॉलीवुड अभिनेता कुणाल खेमू की। आज हम आपको कुणाल खेमू के जीवन से जुडी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे है जो शायद ही आपने सुनी होगी।

२५ मई १९८३ के दिन जम्मू और कश्मीर के ‘श्रीनगर’ में जन्मे कुणाल खेमू के पिता रवि खेमू और मां ज्योति खेमू, ये दोनों ही एक्टिंग से ताल्लुक रखते है। साल १९८७ के समय दूरदर्शन टेलीविज़न पर एक सीरियल आया करता था जिसका नाम था ‘गुल गुलशन गुलफाम’। इस सीरियल में कुणाल खेमू के पिता और मां दोनों ही काम कर रहे थे। जिसकी शूटिंग भी कश्मीर में ही हुआ करती थी।

२५ मई १९८३ के दिन जम्मू और कश्मीर के ‘श्रीनगर’ में जन्मे कुणाल खेमू के पिता रवि खेमू और मां ज्योति खेमू, ये दोनों ही एक्टिंग से ताल्लुक रखते है। साल १९८७ के समय ‘दूरदर्शन‘ टेलीविज़न पर एक सीरियल आया करता था जिसका नाम था ‘गुल गुलशन गुलफाम’। इस सीरियल में कुणाल के पिता और मां दोनों ही काम कर रहे थे। जिसकी शूटिंग भी कश्मीर में ही हुआ करती थी।

‘गुल गुलशन गुलफाम’ नामक इसी सीरियल से कुणाल ने अपने एक्टिंग के करियर में पहला कदम रखा। इसके बाद ही कुणाल खेमू को बाल कलाकार के रोल के ऑफर आने लगे थे। इसी दौरान कश्मीर में आतंकवाद और कश्मीरी पंडितों के पलायन जैसी घटनाएं शुरू हुई। हालात इतने बिगड़ गए कि कश्मीरी पंडितों के पास महज तीन विकल्प रह गए थे, धर्म बदलो, मरो या फिर पलायन करो। कश्मीरी पंडितों को उनके घर से बेघर किया जाने लगा। इन्हीं में एक घर कुणाल खेमू का भी था।
‘नवभारत टाइम्स डॉट कॉम’ को कुणाल खेमू द्वारा दिए गए एक इंटरव्यू के मुताबिक जब कश्मीर खून से लाल हो रहा था, उस समय कई मासूम चेहरे ये समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है? टीवी की खबरों में अपना घर देखते तो खुश हुआ करते थे। भयानक ब्लास्ट के बाद, जब रिश्तेदारों और शुभ चिंतकों के फ़ोन आते तो बच्चो के चेहरों पर ख़ुशी आ जाती थी। घर के पास ही हुए ब्लास्ट से कुणाल के घर के परखच्चे उड़ गए थे और घर की जमीन उखड़ चुकी थी। मजबूरन, कुणाल के पूरे परिवार को श्रीनगर और अपना घर छोड़ना पड़ा।
अपना घर छोड़कर कुणाल अपने पिता और मां के साथ मुंबई के मीरारोड में आकर बस गए। यहां आकर उन्होंने ‘चित्र कथाएं’ नामक सीरियल में काम किया। इसके बाद निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट ने उन्हें फिल्म ‘सर’ में बाल कलाकार का रोल दिया। यही वो फिल्म थी जिसमे पहली बार कुणाल खेमू बॉलीवुड के बड़े परदे पर नज़र आये। बाल कलाकार का किरदार निभाते हुए कुणाल खेमू ने ‘हम है राही प्यार के’, ‘भाई’, ‘राजा हिंदुस्तानी’, ‘दुश्मन’ और ‘जख्म’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया।

फिल्म ‘जख्म’ एक बाल कलाकार के रूप में कुणाल की आखिरी फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया था और अपनी पढ़ाई पूरी की, साथ ही एक थिएटर से भी जुड़े रहे। साल २००५ में निर्माता महेश भट्ट की फिल्म ‘कलयुग’ से बॉलीवुड में बतौर अभिनेता कुणाल खेमू ने वापसी की।
इसके बाद कुणाल ने ‘ट्रैफिक सिग्नल’, ‘ढोल’, ‘सुपरस्टार’, ‘ढूंढ़ते रह जाओगे’, ‘ब्लड मनी’, ‘गो गोवा गॉन’, ‘भाग जॉनी’, ‘गोलमाल ३’, ‘गोलमाल अगेन’, ‘कलंक’, ‘सिम्बा’ और ‘मलंग’ जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया है।

साल २००९ में आयी फिल्म ‘ढूंढ़ते रह जाओगे’ में कुणाल खेमू के साथ अभिनेत्री सोहा अली खान ने भी काम किया था। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही कुणाल खेमू और सोहा अली खान के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी।

साल २०१३ तक सोहा अली खान के साथ लीव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद जुलाई २०१४ में सगाई और २५ जनवरी २०१५ में पारिवारिक लोगों की मौजूदगी में दोनों ने शादी कर ली। २९ सितम्बर २०१७ में कुणाल और सोहा के घर एक बेटी ने जन्म लिया जिसका नाम ‘इनाया नौमी खेमू’ रखा गया।

कुणाल खेमू अपनी आने वाली दो बड़ी फिल्मों पर काम कर रहे है। इनमें से एक है ‘गोलमाल ५’ और दूसरी फिल्म ‘गो गोवा गॉन’ का दूसरा भाग है। आने वाली फिल्मों की लिस्ट में फिल्म ‘लूटकेस’ का भी नाम शामिल है।
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