Andaman Nicobar Island 

आखिर क्यों ख़ास है ये द्वीप 

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इस द्वीप पर पहले अंग्रेजों का शासन चला करता था और जो लोग 'ईस्ट इंडिया कंपनी' के खिलाफ कोई काम करते थे तो उन्हें यहाँ पर स्थित जेल में बंदी बनाकर रखा जाता था|

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इस सजा को सजा-ए-कालापानी के नाम से जाना जाता था| इस नाम से ही कइयों की रूह काँप जाया करती थी| इस जेल में कई क्रांतिकारियों को रखा गया था|

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इतिहास के मुताबिक इस जगह पर सबसे पहले मार्को पोलो नाम का प्रवासी आया था| 18 वी शताब्दी में इस जगह पर मराठा शासक कान्हेजी आंग्रे ने भी शासन किया था|

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एक युद्ध में उन्हें अंग्रेजों और पोर्तुगीजों की नौदल सेना ने साथ में मिलकर हरा दिया था और साथ ही उनका शासन ख़त्म कर दिया था|

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साल 1796 में अंग्रेजों ने इस द्वीप को छोड़ दिया था, लेकिन 19 वीं शताब्दी में फिर से इस द्वीप पर अंग्रजों ने कब्ज़ा कर लिया था, जहां अंग्रेज अपने कैदियों को रखा करते थे|

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साल 1947 में अंग्रेजों की हुकूमत ख़त्म होने के बाद इस जगह को भारत का केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया और एक द्वीप को एक खूबसूरत द्वीप बना दिया गया|

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Andaman Nicobar Island में अलग-अलग जाती और धर्म के लोग रहते है| मगर यहां के लोग मिल-जुल कर रहते है| जाती और धर्म के नाम पर यहां कभी भी हिंसा नहीं होती है|

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जो लोग पर्यावरण को पसंद करते है वे यहां जरूर आते है| इस सुन्दर द्वीप पर सेलुलर जेल, रोस द्वीप और हेवलॉक आयलैंड जैसे मुख्य आकर्षण केंद्र है|

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