जॉर्डन, इस्राएल और फलस्तीन के बीच मौजूद मृत सागर सच में किसी अजूबे से कम नहीं है| ये दुनिया का सबसे छोटा और कम जगह में फैला हुआ समुद्र है|

यह समुद्र करीब 48 मील लंबा, 15 मील चौड़ा और पृथ्वी की सतह से लगभग 1375 फुट गहरा है| यह सागर समुद्र तल से करीब 1388 फ़ीट नीचे पृथ्वी के सबसे निचले बिंदु पर है|

मृत सागर का पानी दुसरे समुद्रों की तुलना में 33 प्रतिशत ज्यादा खारा है, इतना खारा है कि इसमें ना तो कोई जीव जीवित रह सकता है और ना ही कोई वनस्पति, इसी कारण से इसका नाम मृत सागर पड़ा|

मृतसागर में पोटाशियम, ब्रोमाइड, मेग्नेशियम, कैल्शियम, जिंक और सल्फर जैसे खनिज लवण के काफी मात्रा में होने के कारण इसके पानी और नमक का इस्तेमाल खाने या पीने के लिए उपयोग में नहीं कर सकते है|

इस खारे पानी का भार इतना ज्यादा है कि इस पानी में सीधे लेट जाने पर कोई डूबता नहीं है और बिना किसी डर से आसानी से तैर सकता है|

मृत सागर की इस खूबी और इसके आस-पास फैले सौंदर्य की वजह से साल 2007 में इसे विश्व के सात अजूबे में चुनी गयी 28 जगहों की सूची में शामिल किया गया था|

मृत सागर के जल में कई औषधीय गुण भरे हुए है| इससे कई लाइलाज रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है| वैज्ञानिकों के मुताबिक इस समुद्र में मिलने वाला नमक और खनिज लवण मूल्यवान है|