जैसा कि हम सब जानते है कि रावण को सोने यानी स्वर्ण से बहुत ज्यादा प्यार था जिसकी वजह से उसने सोने की लंका भी बनायीं थी और असली सोने की पहचान के लिए रावण सोने को सुंगधित बनाना चाहता था.....

कहते है इंसान को मृत्यु के बाद ही स्वर्ग और नरक की प्राप्ति होती है, मगर रावण चाहता था कि इंसान जीते हुए भी स्वर्ग में जा सके और इसी कारण स्वर्ग तक जाने के लिए वो सीढ़ी का निर्माण करना चाहता था....

रावण समुद्र के खारे पानी को मीठे पानी में तब्दील करना चाहता था ताकि दुनिया में कभी किसी को पानी की कमी ना हो और कोई भी प्यासा ना मरे, मगर इसके पहले ही रावण की मृत्यु हो गयी.....

रावण की चौथी इक्षा थी कि वो मदिरा यानी शराब को गंधरहित बना सके जिससे सभी लोग मदिरापान का आनद उठा सके, अगर वो कुछ दिन और जिन्दा रहते तो ये जरूर करते.....

रावण स्वयं रंगरूप में काले थे और वो चाहते थे कि धरती पर मौजूद हर काले लोग गोरे हो जाए ताकि किसी को भी रंगरूप की वजह से अपमानित ना होना पड़े.....

रावण की शक्तियों से हर कोई भलीभांति परिचित है, काल को पलंग के पाए के साथ बांधे रखने और अपनी नाभि में अमृत रखने वाले रावण के ये अधूरे सपने अगर पूरे हो जाते तो दुनिया का रूप ही कुछ अलग होता....

सोचने में ये सब काफी अच्छा लगता है, मगर कहते है ना जो होता है अच्छे के लिए ही होता है, कुछ भी हो रावण के इन सपनों का सच ना होना मानवता और मानव के लिए उचित था......

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