क्या आप जानते है भगवान गणेश के इस स्त्री अवतार को गणेशानी, विनायकी, गजमुखी और गणेश्वरी जैसे नाम से भी जाना जाता है|

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पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार अंधक नाम का राक्षस माता पार्वती को अपनी पत्नी बनाना चाहता था| 

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भगवान भोलेनाथ ने उस राक्षस का वध भी किया लेकिन जैसे ही उस राक्षस का खून धरती पर गिरता, वैसे ही नयी अंधकी नामक राक्षसनी पैदा हो जाती थी|

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माता के आग्रह पर प्रभु नारायण ने नारायणी, भगवान ब्रह्मा ने ब्राह्मी और भगवान शिव ने शिवानी देवी का रूप धारण कर अंधक राक्षस से युद्ध किया|

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सभी देवों के स्त्री रूप जब राक्षस अंधक को हराने में असफल रहे| तब श्री गणेश ने विनायकी अवतार लिया |

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श्री गणेश ने अंधक के शरीर को बाँध कर उसके शरीर का सारा खून अपनी सूंड से खींच लिया और अंधक राक्षस का अंत किया|

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भारत में तमिलनाडु के कन्याकुमारी में १३०० साल पुराना मंदिर थानुमलायन है, जहाँ पर भगवान गणेश की विनायकी प्रतिमा विराजित है|

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तिब्बत में गणेश जी की गणेशानी देवी के नाम से स्त्री रूप में पूजा की जाती है| उड़ीसा के हीरापुर में भी देवी विनायकी की पूजा की जाती है|

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