जब Sachin Tendulkar ने अंडरवियर में टिश्यू पेपर रखकर खेली थी शानदार पारी
आज क्रिकेट पूरी दुनिया में लोकप्रिय खेल है और क्रिकेटर भी लोगों के दिलों में बसे हुए है| आज हम आपको उन्ही में से कुछ क्रिकेटरों से जुडी कुछ ऐसी अजब बातें बतायेंगे जो शायद ही आपको पता होगी| वहीं क्रिकेट की दुनिया में Sachin Tendulkar को क्रिकेट का भगवान क्यों माना जाता है इसकी एक और मिसाल आपको जानने मिलेगी|
मोहम्मद अज़हरुद्दीन का कोलर
हैदराबाद के इस बल्लेबाज़ और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके मोहम्मद अज़हरुद्दीन की जर्सी का कोलर हमेशा ऊपर करके खेलते थे| फीवर १०४ एफएम को दिए एक इंटरव्यू में अज़हर ने बताया कि इनको गले के पीछे की चमड़ी पर सूरज की किरण से तकलीफ होती थी, जिसकी वजह से वो टीशर्ट का कोलर ऊपर किया करते थे, जो बाद में उनकी आदत में तब्दील हो गयी|
कपिल देव का रोना
करण थापर को दिए ‘हार्डटॉक इंडिया’ नमक प्रोग्राम के इंटरव्यू में कपिल देव पर मैच फिक्सिंग द्वारा पैसे कमाने के आरोपों पर कपिल रो पड़े और उन्होंने कहा था कि ‘रिश्वत लेने से पहले मैं मर जाना पसंद करूँगा, मेरे सारे पैसे मुझसे ले लीजिये, मुझे नहीं चाहिए| मैं उस परिवार से हूँ, जहाँ स्वाभिमान को पहले देखा जाता है|
शहीद अफरीदी का क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज शतक
४ अक्टूबर १९९६ के दिन १६ साल के शहीद अफरीदी ने वन डे क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज शतक जमाया था जो महज ३७ गेंदों में था| अफरीदी के पास उस वक़्त क्रिकेट किट नहीं था, तो उन्होंने सक़लैन मुश्ताक़ के जूते और हेलमेट पहने थे और जिस बल्ले से वो खेल रहे थे वो सचिन तेंदुलकर का था, जो उन्हें वकार यूनुस ने नैरोबी में प्रैक्टिस के दौरान दिया था|
कुंबले के पाकिस्तान के खिलाफ दस विकेट
हम सब जानते है साल १९९९ के मैच में अनिल कुंबले ने फ़िरोज़ शाह कोटला मैदान पर एक इनिंग में पाकिस्तान के सभी १० बल्लेबाज़ों को आउट किया था| पाकिस्तान के कप्तान रह चुके वसीम अकरम ने कबूल किया कि जब कुंबले ने ९ विकेट ले लिए थे उस समय अकरम और वक़ार यूनुस ने यह प्लान बनाया था कि कुंबले को हम १० विकेट नहीं देंगे| अकरम ने कहा था कि चाहे जो हो जाये मैं अपना विकेट नहीं दूंगा| पर वो अकरम ही थे जो दसवें विकेट के रूप में आउट हुए थे| दूसरी तरफ कुंबले के साथ गेंदबाज़ी कर रहे जवागल श्रीनाथ भी कुंबले को दसवां विकेट मिले इसके लिए वाइड गेंदे फेंक रहे थे|
वीरेंद्र सहवाग ने गाने के लिए रुकाया था खेल
वीरेंद्र सहवाग ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिये एक इंटरव्यू में बताया था कि चीनी में जब वो ३०० रन के निजी स्कोर पर खेल रहे थे तब वो अपने पसंदीदा गाने के बोल भूल गये थे| जिसके लिए उन्होंने उस मैच में १२ वे खिलाडी रहे इशांत शर्मा को मैदान पर बुलाया और अपने आयपोड से गाने के बोल लाने को कहा था| जिसके लिए उन्होंने मैच रुकवाया और ड्रिंक के बहाने गाने के बोल लाने को कहा था| गाने के बोल थे ‘तू जाने ना’|
Sachin Tendulkar का पेट था ख़राब
अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘प्लेइंग इट माय वे’ में Sachin Tendulkar ने बताया है कि साल २००३ के वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ खेले जा रहे मैच के दौरान उनका पेट जबरदस्त ख़राब था और उन्हें दस्त हो रहे थे| जिसकी वजह से उनको अपने पेंट के अंदर टिश्यू पेपर रखकर खेलना पड़ा था| मैच के दौरान हुए ड्रिंक ब्रेक में उनको एक बार ड्रेसिंग रूम में भी जाना पड़ा था| फिर भी इस मैच में सचिन ने १२० गेंदों में ९७ रन बनाये थे|
दाउद इब्राहिम का भारतीय ड्रेसिंग रूम में आना
जी हाँ दोस्तों, ये सच है, साल १९८७ में शारजाह कप के मैच के दौरान दाउद इब्राहिम भारतीय ड्रेसिंग रूम में आये थे और सभी खिलाडियों को पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीतने पर कार देने की बात रखी थी, ऐसा उस वक़्त खेल रहे और भारतीय टीम की कप्तान रह चुके दिलीप वेंगसरकर ने बताया था| कपिल देव की मुताबिक ड्रेसिंग रूम में एक आदमी की घुसने पर उसे कपिल ने बाहर निकलने के लिए कहा था| जो उन्हें बाद में पता चला के वो बॉम्बे का कोई स्मगलर था जिसका नाम दाउद इब्राहिम था|
सौरव गांगुली को रुलाया गया
साल २००५ में पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान सौरव गांगुली को सारे खिलाडियों ने ड्रेसिंग रूम में रुला दिया था| जिसमे युवराज सिंह का बहुत बड़ा हाथ था| युवराज ने सौरव के इंटरव्यू के कुछ नकली पेपर बनवाये थे, जिसमे खिलाडियों के बारे में सौरव ने बुरा भला कहा है ऐसा छापा हुआ था| सौरव के ड्रेसिंग रूम में आते ही सब लोग चुप थे| पूछने पर सबने उन नकली पेपरों को दिखाकर सवाल करना शुरू किया और कहा की दादा आप हमारे बारे में ये सब कहते हो| सौरव इस बात को नकारते रहे और बात यहाँ तक आ पहुंची के सौरव ने कप्तानी छोड़ने की बात कह दी थी| बाद में सबने सौरव को एक पेपर दिया जिसपर सब ने अपने सिग्नेचर किये थे और लिखा था ‘दादा वी आल लव यू’|
सौरव गांगुली के सिर पर थी बन्दूक
साल १९९६ में जब सौरव गांगुली और सिद्धू लन्दन टुब ट्रैन में सफर कर रहे थे तब उसी ट्रैन में उनके सामने २ लड़के और ३ लड़कियों का एक ग्रुप शराब पी रहा था| उनमे से एक लड़के ने सौरव और सिद्धू से बिना कारण जबरदस्ती लड़ने के कोशिश की थी| कुछ देर की हाथापाई के बाद सौरव ने उस लड़के के धक्का दे दिया, जिससे वो गिर पड़ा| लड़के ने उठते ही सौरव के चेहरे पर बन्दूक तान दी थी| पर भला हो उस लड़की का जो दिखने में काफी मजबूत थी, उसने उस लड़के खींचकर ट्रैन से बाहर प्लेटफार्म पर फेंक दिया था| सौरव इस हादसे को आज भी याद करके काँप जाते है|
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