127 साल पहले चट्टान काटकर बनाया गया था यह Jahaaj Mahal

वैसे तो हमारे भारत में कई अनोखे किले और महल है जो अपनी खूबसूरत नक्काशी और शिल्पकला के लिए बहुत मशहूर है| मगर आज हम आपको जिस Jahaaj Mahal के बारे में बताने जा रहे है उसे एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया था| आइये इसके बारे में जानते है|राजस्थान के जोधपुर में महाराजा प्रताप सिंह के निवास के लिए इस महल को बनाया गया था, जिसे समुद्र के जहाज की शक्ल दी गयी थी|

127 साल पहले चट्टान काटकर बनाया गया था यह Jahaaj Mahal

इस महल को शिप हाउस महल का नाम दिया गया| ऐसा बताया जाता है कि महाराजा प्रताप सिंह ऐसे राजाओं में से थे जिन्होंने बहुत सी विदेश यात्राएं की थी|

आपको बता दें कि पहले के जमाने में विदेशों की यात्राएं पानी के जहाज के जरिये ही की जाती थी और समुद्र के रास्ते से ही एक देश से दूसरे देश जाया जाता था| अपनी यात्राओं के दौरान महाराजा प्रताप सिंह जहाज से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने एक Jahaaj Mahal बनवाने का निर्णय ले लिया|

127 साल पहले चट्टान काटकर बनाया गया था यह Jahaaj Mahal

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साल 1886 में नागौरी गेट के पास एक छोटी सी पहाड़ी पर Jahaaj Mahal का निर्माण करवाया गया| जिसे महाराजा प्रताप सिंह ने अपने निजी निवास के लिए इस्तेमाल किया था|

कुछ समय रहने के बाद महाराज प्रताप सिंह के एक अंग्रेज मित्र ने उन्हें यहाँ न रहने की सलाह दी और बताया कि जोधपुर में हवा की गति प्रायः पश्चिम से पूर्व की तरफ रहती है और पूर्व में नगर की जनसंख्या होने के कारण प्रदूषित वायु इधर ही आएगी| इस पर महाराजा ने इसमें रहना छोड़ दिया|

127 साल पहले चट्टान काटकर बनाया गया था यह Jahaaj Mahal

आजादी के बाद ये शिप हाउस सरकार के नियंत्रण में आ गया, जिसके बाद 25 जनवरी 1949 के दिन इस Jahaaj Mahal में जोधपुर ब्राडकास्टिंग स्टेशन का रूप दे दिया गया| यहाँ प्रख्यात सरोवादक उस्ताद अली अकबर खान संगीत विभाग और मशहूर शायर रमजी इटावी उर्दू सेक्शन के इंचार्ज थे| आजादी के बाद यहाँ कई सरकारी विभागों के कार्यालय भी रहे और यहाँ कुछ फिल्मों की शूटिंग भी की गयी है|

127 साल पहले चट्टान काटकर बनाया गया था यह Jahaaj Mahal

पहले इस जगह तक पहुंचने के लिए रेलिंग लगी थी और सड़क भी बहुत अच्छी थी| दूर खड़े रहकर देखने पर यह भवन पानी के किसी जहाज के सामान दिखाई देता है| बता दें कि इस जगह को भारतीय पुरातत्व विभाग ने संरक्षित स्मारकों की श्रेणी में रखा गया है|

127 साल पहले चट्टान काटकर बनाया गया था यह Jahaaj Mahal

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