वैसे तो हमारे भारत में कई अनोखे किले और महल है जो अपनी खूबसूरत नक्काशी और शिल्पकला के लिए बहुत मशहूर है| मगर आज हम आपको जिस Jahaaj Mahal के बारे में बताने जा रहे है उसे एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया था| आइये इसके बारे में जानते है|राजस्थान के जोधपुर में महाराजा प्रताप सिंह के निवास के लिए इस महल को बनाया गया था, जिसे समुद्र के जहाज की शक्ल दी गयी थी|
इस महल को शिप हाउस महल का नाम दिया गया| ऐसा बताया जाता है कि महाराजा प्रताप सिंह ऐसे राजाओं में से थे जिन्होंने बहुत सी विदेश यात्राएं की थी|
इस महल को शिप हाउस महल का नाम दिया गया| ऐसा बताया जाता है कि महाराजा प्रताप सिंह ऐसे राजाओं में से थे जिन्होंने बहुत सी विदेश यात्राएं की थी|
आपको बता दें कि पहले के जमाने में विदेशों की यात्राएं पानी के जहाज के जरिये ही की जाती थी और समुद्र के रास्ते से ही एक देश से दूसरे देश जाया जाता था| अपनी यात्राओं के दौरान महाराजा प्रताप सिंह जहाज से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने एक Jahaaj Mahal बनवाने का निर्णय ले लिया|
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साल 1886 में नागौरी गेट के पास एक छोटी सी पहाड़ी पर Jahaaj Mahal का निर्माण करवाया गया| जिसे महाराजा प्रताप सिंह ने अपने निजी निवास के लिए इस्तेमाल किया था|
आजादी के बाद ये शिप हाउस सरकार के नियंत्रण में आ गया, जिसके बाद 25 जनवरी 1949 के दिन इस Jahaaj Mahal में जोधपुर ब्राडकास्टिंग स्टेशन का रूप दे दिया गया| यहाँ प्रख्यात सरोवादक उस्ताद अली अकबर खान संगीत विभाग और मशहूर शायर रमजी इटावी उर्दू सेक्शन के इंचार्ज थे| आजादी के बाद यहाँ कई सरकारी विभागों के कार्यालय भी रहे और यहाँ कुछ फिल्मों की शूटिंग भी की गयी है|
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