वैसे तो पूरी दुनिया में माइकल जैक्सन और उनके जैसे कई डांसरों से बहुत से लोगों ने प्रेरणा ली है। मगर आज हम आपको उन डांसरों के बारे में बताने जा रहे है, जिनके ग्रुप का नाम The Kings है, जिन्होंने पूरी दुनिया के डांसरों को पछाड़कर भारत का नाम रोशन किया है।
The Kings
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साल 2010 में ही इन्होंने ‘इंडिआस गॉट टैलेंट’ नामक शो में भी हिस्सा लिया, मगर इस बार ये तीसरे स्थान पर रहे थे। साल 2011 में सुरेश और वर्नन ने अपने इस ग्रुप का नाम बदल कर ‘SNV’ ग्रुप रख दिया, जो कि इनके ही नामों के पहले अक्षर से बनता है। साल 2011 में इन्होंने फिर एक बार ‘इंडिआस गॉट टैलेंट’ शो की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और इस बार उन्होंने ये प्रतियोगिता जीत ली।
इतने सारी प्रतियोगिताओं को जीतने के बाद इन्होंने ‘वर्ल्ड हिप-हॉप डांस’ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का फैसला लिया और साल 2012 में हुई इस प्रतियोगिता में इन्हें 8 वां स्थान प्राप्त हुआ था। पूरी दुनिया के प्रतियोगियों के बीच 8 वां स्थान प्राप्त करना एक बहुत बड़ी बात थी और इसी से प्रेरणा लेकर निर्देशक और कोरियोग्राफर रहे रेमो डिसूजा ने इस पर एक फिल्म बनाने की सोची जिसका नाम ‘ABCD-2’ था। यह फिल्म इसी ग्रुप में डांस करने वालों की सच्ची कहानी पर आधारित थी।
कुछ समय बाद किन्हीं कारणों से सुरेश और वर्नन के बीच दरार पड़ गयी और दोनों ने अपने नए डांस ग्रुप बना लिए थे। जहां सुरेश ने अपने डांस ग्रुप का नाम ‘किंग्स यूनाइटेड’ रखा, वहीँ वर्नन ने अपने डांस ग्रुप का नाम ‘वी कंपनी’ रख लिया था। वर्नन के वी कंपनी नामक इस ग्रुप ने ‘डांस प्लस’ सीजन वन की प्रतियोगिता जीती थी। अलग होने के बाद सुरेश के यूनाइटेड किंग्स नामक ग्रुप ने साल 2015 में फिर एक बार ‘वर्ल्ड हिप-हॉप डांस’ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और इस बार उनकी इस ग्रुप ने ब्रोंज मैडल जीता।
आपको बता दें कि वर्ल्ड हिप-हॉप डांस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का फैसला सुरेश ने प्रतियोगिता से करीब 20-22 दिन पहले लिया था। इतनी बड़ी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए तैयारी करने के लिए बहुत कम ही दिन बचे थे। बचे हुए 20 दिनों में से 7 दिन तो वीसा करने में निकल गए।
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इसके अलावा इतने बड़ी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए सुरेश के पैसों की भी कमी थी। ऐसे में उनकी मदद के लिए बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन आगे आये। बता दें कि साल 2015 की फिल्म ABCD-2 के दौरान वरुण ने इनसे वादा किया था कि जिंदगी में इन्हें कभी भी किसी भी चीज की जरुरत पड़े तो वो हमेशा आगे रहेंगे। वरुण ने सुरेश को करीब 20 से 25 लाख रुपये फिर से एक बार वर्ल्ड हिप-हॉप डांस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए दे दिए थे।
जैसे-तैसे करके वर्ल्ड हिप-हॉप डांस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के पहुंचे सुरेश के इस ग्रुप को तैयारी के लिए केवल एक ही दिन मिला था। उस पर जिस होटल में इन्हें ठहराया गया था, वहां प्रैक्टिस करने के लिए कोई जगह नहीं थी। इसी वजह से सेन डिएगो शहर में सड़क और गार्डन में जहां भी इन्हें जगह मिलती, वहां ये अपनी तैयारी करते, लेकिन इस दौरान भी कई लोग इन्हें वहां से भगा दिया करते थे। ऐसे में वर्ल्ड हिप-हॉप डांस प्रतियोगिता में ‘ब्रोंज मैडल’ जीतकर इन्होंने अच्छे-अच्छों के मुंह बंद कर दिए थे।
साल 2015 तक तो वर्ल्ड हिप-हॉप डांस प्रतियोगिता जीतने के पहले किंग्स यूनाइटेड के पास प्रैक्टिस के लिए कोई तय जगह नहीं थी। प्रतियोगिता जीतने के बाद सुरेश ने 3 जनवरी 2016 के दिन खुद की एक डांस अकादमी खोली जिसका नाम ‘किंग्स यूनाइटेड’ रखा गया और इसका उद्घाटन खुद रेमो डिसूजा और वरुण धवन ने किया था।
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डांस के इतिहास में अब तक किसी भी इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भारत को पहला स्थान नहीं प्राप्त हुआ था और अब सुरेश अपने ग्रुप को पहले स्थान पर लाना चाहते थे। इसी वजह से साल 2019 में किंग्स यूनाइटेड ग्रुप ने ‘अमेरिकास गॉट टैलेंट’ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।
दूसरी ओर एक अमेरिकन डांस रियलिटी शो ‘वर्ल्ड ऑफ़ डांस’ से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का न्योता आया था। क्यूंकि सुरेश दो जगहों पर एक ही नाम से प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकते थे, तो उन्होंने वर्ल्ड ऑफ़ डांस प्रतियोगिता में अपने ग्रुप का नाम बदल कर द किंग्स रखना पड़ा। वर्ल्ड ऑफ़ डांस नामक इस प्रतियोगिता में दुनियाभर के लोग हिस्सा लिया करते है और इतने बड़े शो का हिस्सा होना ही अपने आप में बड़े गर्व की बात है।
वर्ल्ड ऑफ़ डांस नामक इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बाद इस ग्रुप को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। सुरेश के मुताबिक ग्रुप का हर एक डांसर हर बार घायल हुआ था। बता दें कि इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में ग्रुप में रजिस्टर किये हुए हर एक डांसर को किसी भी कारणवश बदला नहीं जा सकता और ग्रुप में रजिस्टर हर एक डांसर को नाचना भी जरुरी होता है।
ऐसे में ग्रुप में चोट लगने वाले हर एक डांसर को पैन किलर लेकर डांस करना होता था। बता दें कि इस प्रतियोगिता के आखिरी राउंड में हार्दिक नामक डांसर ने बुरी तरह घायल होने के बाद भी स्टेज पर डांस किया था। द किंग्स ग्रुप की मेहनत ही थी कि आखिरी राउंड में तीनों जजों ने टीम सौ में सौ अंक दिए थे, जो इस प्रतियोगिता कभी नहीं हुआ था।
दोस्तों, भारत की संस्कृति में डांस हमेशा से एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, मगर आज भी कुछ लोग डांस और डांसर्स को इतनी गंभीरता से नहीं लेते जितना किसी और पेशे को लेते है। ‘The Kings’ उन डांसरों का ग्रुप है जिनकी वजह से दुनिया ना सिर्फ उनकी बल्कि हमारे देश की भी प्रशंशा कर रही है। ऐसे में इनकी सफलता के सफर की इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहिए ताकि और लोगों को भी इनसे प्रेरणा मिले।