एक समय पिता के अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे फराह खान के पास पैसे

आज हम जिनके बारे में बात करने जा रहे है उनकी जिंदगी के सफर पर एक फिल्म बनायीं जा सकती है। बॉलीवुड में भी इन्होंने गरीबी से अमीरी तक का सफर तय किया है। एक समय था जब जिंदगी ने इनको नचाया और एक आज का समय है जब ये बॉलीवुड के बड़े से बड़े कलाकारों को नचा चुकी है। हम बात कर रहे है कोरियोग्राफर, एक्टर, निर्माता-निर्देशक और तीन बच्चों की मां बन चुकी फराह खान की।

    फराह खान - Farah Khan Biography

फराह खान – Farah Khan Biography

9 जनवरी 1965 में जन्मी फराह खान का पूरा नाम फरहाडीबा खान है। इनकी मां का नाम मेनिका ईरानी थी और पिता का नाम था कमरान खान, जो कि एक स्टन्टमैन से फिल्मकार बने थे। मशहूर निर्माता-निर्देशक साजिद खान इनके भाई है। फराह के बचपन की शुरुवात बहुत अच्छे से हुई थी। पिता कमरान खान एक स्टन्टमैन से फिल्म निर्देशक बने थे और उनकी कमाई अच्छी खासी थी। 

फराह खान - Farah Khan Biography

इसके बाद साल 1971 में फराह खान के पिता ने एक फिल्म बनाई जिसका नाम था ‘ऐसा भी होता है’। ये फिल्म बॉक्सऑफिस पर बहुत बुरी तरह से पीट गयी। इसी फिल्म के साथ फराह खान के पिता के सारे पैसे डूब गए। यहीं से जो जिंदगी आलिशान गुजर रही थी, वो जिंदगी बिलकुल सड़क पर आने की कगार पर थी। 

फराह खान - Farah Khan Biography

कुछ समय तक जिंदगी चल रही थी क्यूंकि कुछ इन्वेस्ट किये हुए पैसे रह गए थे, मगर जैसे-जैसे पैसे खत्म होने लगे उनके परिवार के हालात खराब होने लगे थे। फराह खान के पिता इस सारी मुसीबतों के कारण बहुत ज्यादा शराब पीने लग गए थे। ऐसे में पैसों के कारण घर में हर रोज झगड़े होने लगे थे। यहीं वजह थी कि फराह की मां, उनके पिता को छोड़ के चली गयी। यहीं से शुरू हुआ फराह का संघर्ष शुरू हो गया। 

फराह खान - Farah Khan Biography

एक इंटरव्यू के दौरान खुद फराह ने ये बताया था कि उनके परिवार की हालत इतनी ज्यादा खराब थी कि जब उनके पिता बहुत ज्यादा शराब पीने के कारण बीमार थे, तो उनके परिवार के पास उनके इलाज के लिए भी पैसे नहीं थे। इसके बाद जब उनके पिता की मौत हुई तब उनके पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए उन्हें आस-पड़ोस और रिश्तेदारों से पैसे इकठ्ठे करने पड़ा थे। फराह खान ने बताया था कि ये दिन उनकी जिंदगी का सबसे बुरा दिन था। 

फराह खान - Farah Khan Biography

पिता की मृत्यु के समय उनका भाई साजिद खान ६ साल के और फराह खान महज १४ साल की थी। स्कूल के समय से ही फराह खान ने बच्चों को डांस सिखाना शुरू कर दिया था और हैरानी की बात ये थी कि उन्होंने खुद भी डांस नहीं सीखा था और बच्चों को डांस करना सीखा रही थी।

फराह खान - Farah Khan Biography

साल 1986 में फराह और उनके ग्रुप ने वर्ल्ड डांस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और अपने पार्टनर के साथ उस प्रतियोगिता को जीता। इसके बाद फराह खान फिल्म ‘सदा सुहागन’ में गोविंदा के पीछे खड़ी बैकग्राउंड डांसर के रूप में नज़र आयी। एक तरह से फराह खान को डांस से ज्यादा फिल्म मेकिंग भी करने का शौक था और इनके शौक को उनकी मौसी हनी ईरानी ने मशहूर टीवी सीरियल ‘मालगुडी डेज’ के निर्देशक से मिलवाकर पूरा किया। फराह खान कुछ समय तक ‘मालगुडी डेज’ पर एक सह-निर्देशक के रूप में काम किया। 

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इसी दौरान फराह खान की मुलाकात निर्देशक मंसूर खान के साथ हुई, जिसके बाद उन्होंने फिल्म ‘जो जीता वही सिकंदर’ के लिए भी सह-निर्देशक के तौर पर काम किया। इसी फिल्म के लिए कोरियोग्राफर सरोज खान को लिया गया था। कार्यक्रम में कुछ बदलाव के कारण फिल्म के एक गाने को कोरियोग्राफ करने के लिए सरोज खान के पास तारीखें नहीं थी। 

फराह खान - Farah Khan Biography

निर्देशक मंसूर खान ने इसी कारण फराह खान को फिल्म के एक गाने ‘पहला नशा’ को कोरियोग्राफ करने का मौका दिया और फराह खान ने एक कोरियोग्राफर के तौर पर अपना सबसे पहला गाना निर्देशित किया। इसके बाद फराह खान ने फिल्म ‘कभी हां कभी ना’ फिल्म मिली जिसने फराह खान को उनको सबसे अच्छा दोस्त भी दिया जिनका नाम शाहरुख़ खान है।

फराह खान - Farah Khan Biography

सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए अपनी मंज़िल तक पहुंचने के लिए फराह ने फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ में ‘रुक जा ऐ दिल दीवाने’, फिल्म ‘विरासत’ के लिए ‘ढोल बजने लगा’, जिसके लिए उन्हें बेस्ट कोरियोग्राफर का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला, फिल्म ‘दिल से’ का ‘छैयां छैयां’ और ऋतिक रोशन की फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ के लिए ‘एक पल का जीना’ जैसे गानों को कोरियोग्राफ किया।

फराह खान - Farah Khan Biography

जब फराह खान ने एक अच्छी कोरियोग्राफर के रूप में बॉलीवुड में अपने पैर जमा लिए, तब उन्होंने अपने पिता की तरह निर्देशक बनने का अपना सपना पूरा किया। उन्होंने मशहूर अभिनेता और अपने सबसे जिगरी दोस्त शाहरुख़ खान के साथ अपनी पहली फिल्म ‘मैं हूं ना’ का निर्देशन किया। जो बॉक्सऑफिस पर बेहद सफल फिल्म रही। 

फराह खान - Farah Khan Biography

इस फिल्म में एडिटर के रूप में काम कर रहे शिरीष कुंदर जो फरहा से करीब 8 साल छोटे थे, उनकी फराह के साथ नजदियां बढ़ रही थी और इन दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया। साल 2004 में फराह और शिरीष ने शादी कर ली। शादी के बाद तीन बच्चों की मां बनी। ये वही फराह खान है जिन्होंने बॉलीवुड को फिल्म ‘ओम शांति ओम’ के जरिये दीपिका पादुकोणे जैसी अभिनेत्री दी, जो आज टॉप की अभिनेत्रियों में से एक है।

दोस्तों, फराह खान का अपनी जिंदगी को गरीबी से सफलता के शिखर पर ले जाने के लिए किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा होगा ये शब्दों में बयां करना मुश्किल लगता है। उनका ये हौसला औरतों के लिए एक मिसाल से कम नहीं है। कृपया इस बारे में कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दीजियेगा और जानकारी अच्छी लगे तो इस लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा।

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