Hampis Vittala Temple जिसके रहस्यमयी पत्थरों से निकलता है संगीत
किसी भी देश की संस्कृति को समझने के लिए उस देश का इतिहास समझना भी जरुरी होता है| हमारे भारत देश के इतिहास को समझने पर हमें पता चलता है कि हमारी संस्कृति और कलाकृति कितनी महान और गौरवशाली है| आज हम आपको ऐसे ही एक Hampis Vittala Temple में बनी अद्भुत कला का उदहारण बताने जा रहे है, जिसके रहस्यमयी पत्थरों में से संगीत निकलता है|
Hampi Vittala Temple
कर्नाटक के हम्पी नामक जगह में हेमकुटा पहाड़ियों पर बने विट्टल मंदिर में इस मंदिर का निर्माण राजा कृष्णदेव राय के शासनकाल में किया गया था|
इस मंदिर में मौजूद 56 खम्बों के रहस्यों को आज तक कोई सुलझा नहीं पाया है| इन खूबसूरत नक्काशी वाले खम्बों को म्यूजिकल पिलर के नाम से भी जाना जाता है| शायद यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो मगर बता दें कि इन खम्बों को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि इन्हें थपथपाने पर इनमें से संगीत निकलता है|
बता दें कि भारत पर हुकूमत करते समय अंग्रेजों को भी इन खम्बों ने हैरान कर दिया था| वो भी इन खम्बों के रहस्य को जानना चाहते थे| उन्हें लगा कि इन खम्बों के अंदर कुछ तो है जिसकी वजह से इसमें से संगीत निकलता है| इसकी जांच करने के लिए अंग्रेजों ने यहां के दो खम्बों को तोड़कर इस पर अभ्यास भी किया मगर उनके हाथ ऐसा कुछ भी नहीं लगा, जिनसे इन खम्बों से आवाज़ आती हो|
वैज्ञानिकों की शोध से यह पता चला है कि इन खम्बों को बनाने के लिए इनमें ग्रेनेट, सिलिकेट पार्टिकल और जिओपॉलिमर का इस्तेमाल किया गया था| मगर वैज्ञानिकों को आश्चर्य इस बात का है कि दुनिया के सबसे पहले जियोपॉलिमर की खोज साल 1950 में सोवियत यूनियन में हुई थी| जिसका मतलब यह है कि भारत में 16 वी शताब्दी में ही इस मंदिर को बनाने वाले वास्तुकारों को जियोपॉलिमर की जानकारी थी|
आज के समय में कई वैज्ञानिकों द्वारा कई जियोपॉलिमर की सहायता से ऐसे स्तंभ बनाने की कोशिश की गयी मगर वैसे स्तंभ नहीं बना पाए जैसे 16 वी सदी में हमारे भारतीय वास्तुकारों ने कर दिखाया था| मंदिर के यह स्तंभ प्राचीन भारतीय इंजीनियरिंग कौशल की जीती जागती मिशाल है जिस पर हम भारतीयों को गर्व होना चाहिए|
यहां मंदिर के परिसर में रखा गया एक रथ है, जो यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है| जिसे बनाने के लिए इंटरलॉक मेकेनिज़म का इस्तेमाल किया गया था| जिसकी वजह से बेहद वजनदार होने के बावजूद इस रथ के एक-एक हिस्से को अलग करके एक जगह से दूसरी जगह ले जाता जा सकता है| गरुण की छबि में बना यह रथ भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है|
दोस्तों, अगर आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा और कमेंट बॉक्स में इसके बारे में लिखकर अपनी प्रतिक्रिया जरूर व्यक्त कीजियेगा|
दुनिया की कुछ ऐसी अजब गजब रोचक जानकारी जो शायद ही आपको पता होगी | Fact from around the world that you wont believe.
Chand Bawdi – सच में अदभुद है यह बावडी
गजब है, ये पुलिसवाला पहनता है १९ नंबर के जूते
यहाँ स्थित है दुनिया का पहला 5 Star Underground Hotel