उस्मान अली खान – 5000 किलो सोना भारत को दिया था इस Hyderabadi Nizam ने

आज भले ही भारत के सबसे अमीर लोगों में मुकेश अंबानी का नाम लिया जाता है। पर हमारे भारत में हैदराबाद के निज़ाम उस्मान अली खान साल 1937 में उस समय अमेरिका की ‘टाइम्स’ नामक मशहूर पत्रिका में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति घोसित किये गये थे। 
ajabjankari-omg-facts-hyderabadi-nizam-gave-5-ton-उस्मान अली खान

‘उस्मान अली खान’ – Hyderabadi Nizam

भारत की आज़ादी के पहले तक, अंग्रेजी हुकूमत के चलते करीब डेढ़ करोड़ लोगों पर राज करने वाले निज़ाम उस्मान अली खान ने आजादी के बाद भी स्वतंत्र भारत में शामिल न होने की ठान ली थी। वो चाहते थे की हैदराबाद एक अलग स्वतंत्र राज्य रहे। 
ajabjankari-omg-facts-hyderabadi-nizam-gave-5-ton-ajabjankari-omg-facts-hyderabadi-nizam-gave-5-ton-उस्मान अली खान

भारत सरकार के कई प्रस्तावों के बाद भी हैदराबाद के निज़ाम ने अपनी जिद को पकडे रखा। इसके चलते साल 1948 में भारतीय सेना ने हैदराबाद पर हमला बोल दिया। करीब दो दिन तक चली इस लड़ाई में निज़ाम उस्मान अली खान को हार माननी पड़ी। इसके बाद भारत सरकार ने उन्हें हैदराबाद का ‘राजप्रमुख’ बना दिया।

हरनाम कौर – महिलाओं के लिए मिसाल है दाढ़ी-मूंछ वाली ये लड़की

क्यों दिया इतना सोना

साल 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में भारत को जीत हासिल हुई थी। जीत तो मिली पर इसमें भारत आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हो चूका था। इसी बीच चीन ने तिब्बत को अपने कब्जे में लेने के लिए भारत के साथ युद्ध की घोषणा कर दी, जिसके लिए भारत बिल्कुल तैयार नहीं था। वहीँ चीन अपनी सेना के साथ पूरी तरह से तैयार थी। 
ajabjankari-omg-facts-hyderabadi-nizam-gave-5-ton-ajabjankari-omg-facts-hyderabadi-nizam-gave-5-ton-उस्मान अली खान
आर्थिक स्तिथि को मजबूत करने के लिये तत्कालीन प्रधानमंत्री ‘लालबहादुर शास्त्री‘ ने सेना की मदद के लिये ‘भारतीय रक्षा कोष’ की स्थापना की। शास्त्रीजी ने रेडियो द्वारा लोगों और राजे-रजवाड़ों से देश के लिये मदद मांगी। इसकी खबर जब निज़ाम उस्मान अली खान तक पहुंची तो उन्होंने लाल बहादुर शास्त्रीजी को हैदराबाद में आने का निमंत्रण दिया। 
ajabjankari-omg-facts-hyderabadi-nizam-gave-5-ton-ajabjankari-omg-facts-hyderabadi-nizam-gave-5-ton-उस्मान अली खान
शास्त्रीजी देर न करते हुए हैदराबाद के लिये निकल पड़े। ‘बेगमपेठ’ एयरपोर्ट पर निज़ाम उस्मान अली खान ने उनका स्वागत किया। जब शास्त्रीजी ने निज़ाम को स्थिति से अवगत कराया तो बिना सोचे निज़ाम उस्मान अली खान ने 5 टन सोना यानि 5000 किलो सोना अपने खजाने में से भारत सरकार को देने की घोषणा कर डाली और शास्त्रीजी को सोने से भरे बक्सों के साथ दिल्ली की और रवाना किया। 
ajabjankari-omg-facts-hyderabadi-nizam-gave-5-ton-ajabjankari-omg-facts-hyderabadi-nizam-gave-5-ton-उस्मान अली खान
निज़ाम उस्मान अली खान कितने अमीर थे इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वो लगभग 5 करोड़ पाउंड की कीमत और शतुरमुर्ग के अंडे के आकर जितने बड़े हीरे को एक पेपरवेट के तौर पर इस्तेमाल करते थे। जिनके पैलेस में 6000 से भी ज्यादा नौकर काम किया करते थे। जिनमे से 38 लोग तो केवल मोमबत्ती की धूल ही साफ़ किया करते थे। 

Auroville City- भारत का वो शहर जहाँ रहने के लिए पैसों की नहीं जरुरत

निज़ाम ने इस दान के दो साल बाद, 1967 में अपने प्राण त्याग दिये। हैदराबाद के निज़ाम द्वारा किया गया ये एक ऐतिहासिक सहयोग था, जो भारत के इतिहास में खास है। इस सोने की वर्तमान कीमत लगभग 1600 करोड़ रुपये होती है। ऐसी सहायता आज तक के इतिहास में किसी संगठन या व्यक्ति विशेष द्वारा कभी नहीं की गयी है। 
दोस्तों, आप की इस अजब जानकारी पर क्या प्रतिक्रिया है कृपया कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताइयेगा और इसे लाइक और शेयर करना मत भूलियेगा। 

दुनिया की कुछ ऐसी अजब गजब रोचक जानकारी जो शायद ही आपको पता होगी | Fact from around the world that you wont believe.

Leave a Reply