Bathroom Ke Vastu Shastra – वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम में नहाने की बाल्टी से क्यों हो सकता है नुकसान

वास्तुशास्त्र के मुताबिक अपने घर में हर एक कमरे, खिड़की दरवाजे और बाथरूम का बहुत महत्त्व बताया गया है| इनमें से किसी भी जगहों की दिशा या उनमें रखी गयी चीजों का भी वास्तु के हिसाब से ना होना हमारे जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है| ऐसी ही एक जगह है बाथरूम, जिसमें रखी हुई चीजों में से एक चीज है बाल्टी, जिसका महत्त्व आज हम आपको बताने जा रहे है|

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Bathroom Ke Vastu Shastra

Bathroom Ke Vastu Shastra के अनुसार सही दिशा और सुझाव 

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विद्या है जो कि हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में मदद करती है| बाथरूम का सही दिशा में होना और इसके वास्तु के नियमों का पालन करना हमारे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है| आइए जानते हैं Bathroom Ke Vastu Shastra से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम और सुझाव|

बाथरूम के लिए सही दिशा

  1. उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम के लिए उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है| यह दिशा पानी के तत्व से जुड़ी होती है जो शुद्धिकरण और स्वच्छता का प्रतीक है|
  2. दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा: बाथरूम को दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है और पानी और आग का मेल शुभ नहीं माना जाता|
  3. पूर्व दिशा: बाथरूम को पूर्व दिशा में भी बनाया जा सकता है| यह दिशा भी शुभ मानी जाती है और इसके वास्तु दोष कम होते हैं|
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बाथरूम के वास्तु दोष और उनके समाधान

  1. बाथरूम के द्वार का दिशा: बाथरूम का द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। यदि द्वार गलत दिशा में है तो उसमें वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है|
  2. वेंटिलेशन: बाथरूम में उचित वेंटिलेशन होना चाहिए| वेंटिलेशन के लिए खिड़कियाँ उत्तर या पूर्व दिशा में होनी चाहिए ताकि ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे|
  3. आइना और वाश बेसिन: वाश बेसिन और आइना उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए| यह स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है|
  4. रंग का चयन: बाथरूम में हल्के रंगों का उपयोग करना चाहिए जैसे कि सफेद, हल्का नीला, या हल्का हरा| गहरे और काले रंगों से बचना चाहिए क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा दे सकते हैं|
  5. पानी की निकासी: पानी की निकासी का स्थान दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए| इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है|

Bathroom Ke Vastu Shastra के फायदे

  1. स्वास्थ्य में सुधार: सही दिशा में बाथरूम होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी आती है और मानसिक शांति मिलती है|
  2. समृद्धि और खुशहाली: वास्तु अनुसार बाथरूम बनाने से घर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है|
  3. सकारात्मक ऊर्जा का संचार: वास्तु दोष रहित बाथरूम से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है|

निष्कर्ष :

बाथरूम का सही दिशा में होना और इसके वास्तु नियमों का पालन करना हमारे जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है| उपरोक्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए, आप अपने बाथरूम को वास्तु शास्त्र के अनुसार सुधार सकते हैं और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं|

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घर के बाथरूम में ये दो गलतियां बिल्कुल ना करें, होगा भारी नुकसान

  • अपने बाथरूम को वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाएं और देखें कैसे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं|
  • अपने घर के बाथरूम के अंदर सफ़ेद रंग, लाल रंग, मस्टर्ड रंग या हरे रंग की बाल्टी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए|
  • आपको अपने घर के बाथरूम में केवल ब्लू यानी नीले रंग की बाल्टी का ही इस्तेमाल करना चाहिए|
  • कभी भी अपने घर के बाथरूम के अंदर रखी बाल्टी को खाली नहीं रखना चाहिए|
  • अगर आप ऐसा करते है तो आपके घर में रिलेशनशिप में, आपके घर में पैसे में और पैसों के कॅश फ्लो में बुरा प्रभाव पड़ सकता है|
  • ऐसा करने से घर में आने वाले पैसों के लिए रास्ते बंद होने लगते है और जो पैसा आता है वो कभी टिकता नहीं है|
  • इसीलिए आपको अपने घर के बाथरूम में रखी बाल्टी को कभी भी खाली नहीं रखना चाहिए और ना कभी उस पर किसी की नज़र पड़नी चाहिए|
  • हमेशा अपने घर के अंदर बाल्टी को भर कर रखें और ध्यान रहे कि उस बाल्टी का नीला ही हो|

यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है| Ajab Jankari इसकी पुष्टि नहीं करता है| किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें|

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