भारत में ऐसे कई मंदिर है जहाँ जानवरों की पूजा की जाती है| लेकिन कोई मेंढक की भी पूजा कर सकता है ऐसा शायद ही किसी ने सोचा होगा| तो चलिए आज हम आपको बताते है ऐसे ही भारत के एकमात्र मंदिर के बारे में जहाँ मेंढक की पूजा की जाती है|
भारत का यह एकमात्र मेंढक मंदिर उत्तरप्रदेश के ‘लखीमपुर-खीरी’ जिले के ‘ओयल’ कस्बे में स्थित है| जो लखनऊ एयरपोर्ट से करीब १३५ कि.मी. की दुरी पर है|
बताया जाता है कि यह मंदिर लगभग २०० साल पुराना है| ऐसी मान्यता है कि सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था|
यह जगह ओयल शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र थी और यहाँ के शासक भगवान् शिव के उपासक थे| इस कस्बे के बीच मंडूक यंत्र पर आधारित प्राचीन शिव मंदिर भी है|
यह क्षेत्र ११ वी शताब्दी से १९ वी शताब्दी तक चाहमान शासकों के अधीन रहा है| चाहमान वंश के राजा बक्श सिंह ने ही इस अद्भुत मंदिर का निर्माण कराया था|
इस मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला के एक महान तांत्रिक ने की थी| तंत्रवाद पर आधारित इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण लोगों का मन मोह लेती है| मेंढक मंदिर में दीपावली के अलावा महाशिवरात्रि पर भी भक्त बड़ी संख्या में आते है|
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