इस आधुनिक युग में हमने कई देशों को रॉकेट या मिसाइल बनाने की कई खबरें सुनी है| मगर क्या आप जानते है कि Duniya Ka Sabse Pehla Rocket मैसूर के शेर कहे जाने वालेटीपू सुल्तानने बनाया था और इनके द्वारा युद्ध में इस्तेमाल किये गएरॉकेट की तस्वीर आज भी नासा में मौजूद है|
Duniya Ka Sabse Pehla Rocket बनाने की कैसे शुरुवात हुई?
करीब 300 साल पहले दक्षिण भारत के जांबाज़ योद्धा टीपू सुल्तान ने एक ऐसे हथियार का अविष्कार किया था जिसने दुश्मनों की नाक में दम कर दिया था| ये वो राजा थे जिन्होंने 18 वी शताब्दी में अंग्रेजों को धुल चटा दी थी| अंग्रेजों ने कई दफा टीपू सुल्तान से हाथ मिलाने की कोशिशें की मगर कभी कामयाब नहीं हुए थे और इसी वजह से टीपू सुल्तान और उनके पिता हैदर अली ने अंग्रेजों के खिलाफ चार जंगे लड़ी थी, जिन्हें एंग्लो मैसूर वॉर के नामों से जाना जाता है|
Overtoun Bridge – रहस्यमयी है यहाँ कुत्तों का आत्महत्या करना
युद्ध के समय जब अंग्रेजों के गोले-बारूद टीपू सुल्तान पर भारी पड़ने लगे थे तब टीपू ने अपने सैनिकों को एक ऐसा हथियार दिया जिसका सामना ब्रिटिश फ़ौज ने पहले कभी नहीं किया था| उस हथियार को इतिहास में मैसूरियन रॉकेट के नाम से जाना जाता है|
आपको बता दें किटीपू सुल्तान के पिता हैदर अली एक सिपाही के बेटे थे और हैदर अली के पिता सैनिक दल में एक सिग्नलिंग डिवाइस के प्रमुख थे| उन दिनों छोटे रॉकेट का इस्तेमाल युद्ध में सिग्नल देने के लिए किया जाता था| हैदर अली के दिमाग में इन सिग्नल देने वाले छोटे रॉकेट को युद्ध में इस्तेमाल करने की सोच आयी और उन्होंने इसमें छोटे बदलाव करके उनमे बारूद भरकर युद्ध में इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया और रॉकेट बनाने का काम शुरू कर दिया|
Mysterious Village – सैकड़ों साल पहले रहा करते थे सिर्फ बौने
इन रॉकेटों नेटीपू सुल्तान को इतना आकर्षित किया कि इस मैसूर के शेर ने इन रॉकेटों में बदलाव करके, इनमे 4 फुट लंबी तलवारें लगाकर इसे और भी खतरनाक बना दिया| बता दें कि जब इस रॉकेट को आग लगाकर छोड़ा जाता तो रॉकेट में मौजूद बारूद की वजह से इसे करीब 1 किलोमीटर तक की गति मिलती और बारूद के ख़त्म होने पर तलवार के वजन की वजह से वे हवा में घूमती हुई अंग्रेजों की सेना पर गिरती और उन्हें भारी नुकसान पहुँचाती थी|
Horseshoe Crab – जिसका खून बिकता है लाखों में
कब हुआ इन रॉकेट्स का इस्तेमाल ?
साल 1767 से साल 1799 में टीपू सुल्तानऔर अंग्रेजों के बीच हुई लड़ाइयों में टीपू के इस अविष्कार ने खूब कहर मचाया था| मगर इनके बीच हुई आखिरी लड़ाई, जिसकाटीपू सुल्तानको बिल्कुल अंदाजा नहीं था उसमे उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वीरगति प्राप्त की| मगरटीपू सुल्तान के मरने के बाद उनके इस अविष्कार को समझने के लिए ब्रिटिश लोग इसे अपने साथ ले गए और इसका इस्तेमाल Nepoleon के साथ हुए युद्ध में भी किया था|
बता दें कि आज की तारीख में दुनिया का हर देश अपने बचाव और दुश्मनों के हमले के लिए कई रॉकेटों का अविष्कार किया है| इतना ही नहीं अंतरिक्ष में जाने के लिए भी ऐसे ही रॉकेटों का इस्तेमाल हमने देखा है| ये सारी चीजें अगर बनी है तो उसकी जड़ यानी कि कारणटीपू सुल्तानके बनाये गए ये रॉकेट ही है जो आज भी लंदन के रॉयल आर्टिलरी म्यूजियम में रखें हुए है|
इतना ही नहींटीपू सुल्तानऔर अंग्रेजों के बीच हुए इस रॉकेट युद्ध की तस्वीर नासा ने भी अपने पास लगा रखी है| हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय श्री एपीजे अब्दुल कलाम आज़ाद ने भी अपनी पुस्तक विंग्स ऑफ़ फायर में नासा में मैसूर के रॉकेट युद्ध की तस्वीर देखे जाने का उल्लेख किया है|
दोस्तों, अगर आपको हमारी यह जानकारी‘टीपू सुल्तान ने बनाया था Duniya Ka Sabse Pehla Rocket’ अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा और कमेंट बॉक्स में इसके बारे में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दीजियेगा|
दुनिया की कुछ ऐसी अजब गजब रोचक जानकारी जो शायद ही आपको पता होगी |Fact from around the world that you wont believe.
Top 5 Most Ugliest Flowers – दुनिया के 5 सबसे गंदे फूल
Hop Shoots – क्यों है ये दुनिया की सबसे महंगी सब्जी
Gitarama Central Jail – दुनिया की सबसे खतरनाक जेल
Village On Sea – कैसे कई सालों से समुद्र में तैर रहा है यह गाँव