May 6, 2024

Mahamrityunjay Mandir – 126 फ़ीट ऊंचा ये शिवलिंग है दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग

Mahamrityunjay Mandir हिंदू भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है, जो भारत के असम राज्य के नागाँव नामक जगह पर स्थित है, जो गुवाहाटी से करीब 120 किमी दूर है। यह मंदिर अपने विशेष बनावट की वजह से बेहद मशहूर है क्योंकि यह एक शिवलिंग के रूप में बना है और इसकी दूसरी विशेषता यह है कि ये 126 फुट की ऊंचाई वाला दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है।

Mahamrityunjay mandir

Mahamrityunjay Mandir – महामृत्युंजय मंदिर

मंदिर का निर्माण महामृत्यंजय सेवा ट्रस्ट द्वारा साल 2003 में आचार्य भृगु गिरि महाराज द्वारा शुरू किया गया था, यह वह स्थान है जहाँ वे ध्यान करते थे और साथ ही वह स्थान भी है जहाँ गुरु शुक्राचार्य ने महामृत्युंजय मंत्र का प्रदर्शन किया था और धरती के करीब 48 फीट नीचे एक शिवलिंग की स्थापना भी की थी।

Mahamrityunjay Mandir

महाराज के बेटे सजय शर्मा ने बताया कि जब आचार्य भृगु गिरि महाराज ने देह त्यागा तो उनका अनुसरण करने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इसे पूरा करने संकल्प लिया।

सावन के पवित्र महीने में दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर (Mahamrityunjay Mandir) में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी होती है। वैसे तो सारा साल ही यहां पर भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन सावन के महीने में खास तौर पर सोमवार के दिन यहां भक्तों की संख्या काफी बढ़ जाती है।

Mahamrityunjay Mandir

इस विशेषता ने इसे भक्तों के लिए अद्वितीय और बहुत आकर्षक बना दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा मंदिर के चेयरमैन हैं। रोजाना यहां भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन सावन के दिनों में यहां रोजना एक लाख से अधिक भक्त पहुंच रहे हैं।

Mahamrityunjay Mandir

Mahamrityunjay Mandir का उद्घाटन प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 22 फरवरी से शुरू हुआ और 25 फरवरी 2021 को समाप्त हुआ। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, असम के तत्कालीन स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री और मौजूदा सीएम हिमंत बिस्व सरमा और उस वक्त के सीएम सर्बानंद सोनोवाल उपस्थित थे।

यज्ञ के लिए 108 यज्ञ कुंडों की स्थापना की गई थी और लगभग 250 पुजारी प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ करने के लिए तमिलनाडु से आए थे। प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ के पूरा होने के बाद मंदिर 26 फरवरी 2021 से भक्तों के लिए खोल दिया गया।

Mahamrityunjay Mandir

भूकंप की वजह से हुआ था मामूली नुकसान

28 अप्रैल 2021 को असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक बड़ा भूकंप आया था, जिसकी त्रिव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.7 मापी गई थी। इस भूकंप के कारण मंदिर के ऊपरी हिस्से में मामूली सी दरारें देखी गई थी, मगर किसी तरह का कोई भारी नुकसान नहीं हुआ। पुराणों के अनुसार दैत्यगुरु शुक्राचार्य ने किया था यहीं पर तपस्या की थी।

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