Vidyashankar Mandir, कर्नाटक : ऐतिहासिक स्थल का प्रतीक विद्याशंकर मंदिर

शृंगेरी, कर्नाटक में स्थित Vidyashankar Mandir भारतीय संस्कृति, धर्म और ऐतिहासिक महत्व का एक प्रमुख स्थान है। यह अद्वैत वेदांत दर्शन के महान आचार्य आदि शंकराचार्य जी को समर्पित है और भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। यह मंदिर शृंगेरी नगर पालिका क्षेत्र में स्थित है और वहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल की भूमिका निभाता है।

vidyashankar temple

कर्नाटक राज्य में स्थित Vidyashankar Mandir भारतीय संस्कृति, धर्म और ऐतिहासिक महत्व के प्रतीक माना जाता है। यह अद्वैत वेदांत दर्शन के महान आचार्य आदि शंकराचार्य जी को समर्पित है और उनके नाम पर रखा गया है। यह मंदिर विद्याशंकरपुरी नामक ग्राम में स्थित है और श्रवणबेलगोला नगर में स्थानित है। इस मंदिर की स्थापना 14वीं शताब्दी में हुई थी और इसे आर्यागुरुओं ने निर्मित किया था।

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History of Vidyashankar Mandir – विद्याशंकर मंदिर का इतिहास

Vidyashankar Mandir का स्थापना समय से पहले हो चुका है और इसका निर्माण समय के साथ ही विस्तारित होता गया। यह मंदिर बौद्ध संगठनों के प्रभाव का एक बड़ा उदाहरण है और इसकी विशेषता उसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्वपूर्णता में है। विद्याशंकर मंदिर का निर्माण कार्य स्थानीय लोगों और राजमार्ग संस्थाओं के सहयोग से संभव हुआ था।

Vidyashankar Mandir विचारधारा और शैली के आधार पर भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र है। इसका मुख्यालय ग्रंथसंग्रहालय है, जहां विभिन्न शास्त्रीय और धार्मिक पुस्तकों का संग्रह है। मंदिर के आस-पास छोटे-छोटे धार्मिक स्थल और विद्यालय भी स्थित हैं जहां धर्म, विद्या और संस्कृति की शिक्षा दी जाती है।

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विद्याशंकर मंदिर का वास्तुकला में महत्वपूर्ण स्थान है। यह भव्य मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला की प्रमुख शैली में निर्मित है और इसका सांकेतिक निर्माण मुख्य गोपुरमेंट और द्वारों में किया गया है। मंदिर का मुख्यालय भवन एक मध्ययुगीन गोपुरमेंट के साथ निर्मित है जो इसे औपचारिक और प्रतिष्ठित बनाता है।

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विद्याशंकर मंदिर के समीप एक बड़ा आकर्षण है, जिसे विद्याशंकर ताल नामक नदी घिरी हुई है। इस नदी की खूबसूरती और शांति का आनंद लेने के लिए यहां आने वाले लोग आकर्षित होते हैं।

Vidyashankar Mandir एक प्रमुख धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ पर्यटन का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और इसे देखने के लिए अपना समय निकालते हैं। मंदिर के पास व्यापारिक गलियारों, होटलों और रेस्तरां का विकास हुआ है जो पर्यटकों को आरामदायक और आनंददायक रहने का विकल्प प्रदान करते हैं।

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विद्याशंकर मंदिर की प्रमुख विशेषता

मंदिर के केन्द्रीय छत कि एक अन्य प्रमुख विशेषता यह है कि इस पर सुंदर वास्तुकला प्रदर्शित की गयी है। इस स्थल पर छतें ढालवां मोड़ के लिए जानी जाती हैं। मंदिर के तहखाने में भगवान शिव, भगवान विष्णु, दशावतार, शंमुखा, देवी काली और विभिन्न प्रकार के जानवरों के सुंदर आंकड़े स्थापित किये गये हैं। यह मंदिर विद्यातिर्थ रथोत्सव के उत्सव के लिए जाना जाता है, जो कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के दौरान आयोजित किया जाता है।

इस मंदिर में 12 खम्बे है जिनपर सुबह के समय सूर्य की किरणे पड़ती है, आश्चर्य की बात यह है कि हिन्दू वर्ष के अनुसार जो महीना चल रहा होता है सिर्फ उसी नंबर के एक खम्बे पर किरणे पड़ती है,महीना बदलते ही उसके अगले नंबर के खम्बे पर किरणे पड़ने लगता है।

ऐसी आश्चर्यजनक इंजीनियरिंग करने वाले हमारे पूर्वजों के बारे में हमें पढ़ाया नहीं जाता, बल्कि, जो हमारे देश को लूटने आये थे और जिन्होंने हमारे बहुत से खूबसूरत मंदिर गिरा दिए उनके स्तुति में हमें किताबे पढाई जाती है।

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विद्याशंकर मंदिर कर्नाटक राज्य का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिकता के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। इसकी विशेषता, संस्कृतिक अर्थव्यवस्था, और ऐतिहासिक संदेश इसे भारतीय धार्मिकता और परंपरा का महत्वपूर्ण स्थान बनाते हैं। इसलिए, यदि आप कर्नाटक राज्य का भ्रमण कर रहे हैं, तो विद्याशंकर मंदिर अपनी सूची में शामिल करें, ताकि आप इस धार्मिक स्थल का आनंद ले सकें और भारतीय संस्कृति के साथ अपना अनुभव साझा करें।

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